Natasha

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कहानी समीर की

दोस्तों यह कहानी है समीर की जो MCA फाइनल ईयर का स्टूडेंट है । छोटे शहर से इंदौर अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करने के लिए आया था । समीर सीधा-साधा पढ़ने में होशियार और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फोकस था ।

फाइनल ईयर में कैंपस की तयारी में समीर जी जान से लाग हुआ था । पर लोगो के सामने समीर कॉन्फिडेंस से बोल नहीं पाता था । समीर के भाई ने उसको को सलाह दी वो अपना डर मिटा कर कॉन्फिडेंस बिल्ड करना चाहता है तो कॉलेज की एक्टिविटी, जैसे स्पोर्ट्स, डांस, या नुक्कड़ नाटक में भाग ले ।

25 साल पूरे होने की खुशी में कुछ ही दिनों में एक बड़ा प्रोग्राम कॉलेज में रखा गया जो तीन दिवसीय होने वाला था। जिसमें बहुत सारी एक्टिविटी होनी थी । एक्टिविटी में भाग लेने के लिए बहुत पहले से कॉलेज में नोटिस लगा हुआ था ।अपने अपने इंटरेस्ट से सबने कॉलेज की एक्टिविटी में भाग ले लिया ।सोलो डांस, कपल डांस ,थिएटर और भी बहुत कुछ होना था।

समीर को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह किस एक्टिविटी में भाग ले। ना वह सपोर्ट में अच्छा था ना डांस में अच्छा था। पर कुछ तो करना था ।

समीर फंक्शन ऑर्जिंगर पटेल सर से बोला जहा भी जगह मिले मुझे रख लीजिए । सर ने बोला सिर्फ एक ड्रामा में रोल है पर बहुत छोटा । समीर ने बिना सोचे समझे हा कर दी ।

सभी कलाकारों के अपने-अपने किरदार पहले से ही तय है समीर का ही पहला दिन था । रहसल का टाइम हो गया था और लगभग सभी लोग पहुंच गए थे हीरो हीरोइन के अलावा । 30 मिनट गुजर गए थे पूरे ऑडिटोरियम में एक ही बात गूंज रही थी जानवी और अमित कहां है ? जानवी और अमित कहां है ।

जानवी इस ड्रामे की लीड रोल कर रही थी और अमित लीड हीरो था । जैसे ही जानवी की एंट्री होती है समीर जानवी को बस देखते ही रह जाता है ।शायद जानवी में एक अलग सी मासूमियत समीर को दिख रही थी । एक प्यारा सा चेहरा जो समीर ने अब तक नहीं देखा था या शायद एक-दो बार देखा हो पर कभी ध्यान नहीं दिया । आज पहली बार समीर ने जानवी को ध्यान से देखा ।

जानवी कॉन्फिडेंस में ऑडिटोरियम में आई समीर आगे ही खड़ा था । जानवी ने समीर को हाय कहा समीर उसको देखता ही रहा जानवी को लगाया थोड़ा पागल है । जानवी के बाद अमित आया और फिर नाटक की रिहर्सल शुरू हो गई।

यह नाटक प्रेम की कहानी पर आधारित था । अमित और जानवी दोनों को डायलॉग याद थे दोनों ही एक अच्छे एक्टर थे । समीर ही था जो अनाड़ी था। जिसने यह सब पहली बार देखा था उसको बड़ा अच्छा भी लग रहा था और झिझक भी हो रही थी।

जानवी से कभी- कभी नजरें भी मिल जाती थी और जानवी को चुपके चुपके देख भी लेता था । समीर जानवी को लाइक तो करने लगा है और यह बात जानवी को कहीं ना कहीं पता तो लग गई है ।



जानवी के ऑडिटोरियम में आने से ही समीर के चेहरे पर जो चमक आती है वह जानवी से छुपी नहीं थी । पर जानवी ने समीर को इस बात का एहसास भी नहीं होने दिया की उसको समीर की हालत का अंदाजा है ।



एक दिन अमित रहसल पर नहीं आया सारे लोग उसको फोन लगाते रहे ना उसने फोन उठाया, शाम को पता चलता है अमित हॉस्पिटल में उसका एक्सीडेंट हो गया और पैर फैक्चर है।



सभी लोगों के सामने एक नई समस्या आ गई थी कि अब ड्रामा में लीड रोल करेगा कौन और कोई दूसरा लड़का हामी नहीं रहा था तभी समीर ने लीड रोल के लिए हां कर दी।

समीर ने हा तो कर दी पर ना उससे कोई डायलॉग बोला जा रहा था , ना वह जानवी के सामने ठीक से खड़ा हो पा रहा था । बहुत देर तक कोशिश करने के बाद जानवी समीर पर बहुत तेज चिल्लाई । 

तुमको यह सब मजाक लगता है । तुमको कुछ अंदाजा भी है ,तुम क्या करना चाहते हो और क्या कर रहे हो । कम से कम तुमको 10 साल लगेंगे तब जाकर तुम लीड रोल कर पाओगे । बिना कुछ सोचे समझे तुम आकर बस खड़े हो गए हो । आता क्या है तुमको । लगातार बोलती रही समीर बस सुनता रहा ।



शाम के समय कैंटीन में समीर जानवी से कहता है मुझसे गलती हो गई, मैं तो बस कुछ नया सीखने की कोशिश कर रहा था ।नया सीखने में तो गलती होती है , तभी तो हम सीखते हैं। पर मैं यह भूल गया था कि मेरी गलती से तुम लोग जो इतने दिन से कड़ी मेहनत कर रहे हो पर कितना बुरा असर पड़ेगा । मैं तो बस अपने बारे में सोच रहा था । जो भी हुआ आज के बाद नहीं होगा और समीर चला गया ।



दूसरे दिन जानवी समीर के रूम पर पहुंच जाती है और समीर से कहती है चलो मुझे कुछ काम है ।समीर पहले तो चौक जाता है फिर रेडी होकर जानवी के साथ चल देता है ।

जानवी को वैसे तो कोई काम नहीं था बस समीर के साथ घूमना था थोड़ा कंफर्ट जोन बढ़ाना था दिन भर दोनों साथ रहते हैं घूमते फिरते हैं जानवी अपनी गलती की माफी मांगती है और समीर से फ्रैंडशिप कर लेती है ।

और कहती है जब तक यह ड्रामा नहीं हो जाता तब तक तुमको दिन भर मेरे साथ ही रहोगे ।जानवी उसको एक्टिंग की, लोगों को सामने लोगों के सामने बोलने की, अपनी झिझक छुड़ाने की बहुत ट्रेनिंग देती है। समीर ने अपनी जिंदगी में इतना सब कुछ पहले कभी नहीं सीखा था। धीरे-धीरे समय बीता जाता है ।

समीर एक्टिंग मैं भी अच्छा हो जाता है और एक कॉन्फिडेंस भी बिल्ड हो जाता है ।जानवी और समीर की बॉन्डिंग भी अच्छी हो जाती है


। दोनों दिन भर साथ घूमते खाते पीते और ड्रामा करते अपनी बातें एक दूसरे से शेयर करते ।
इतने कम समय में पहली बार जानवी और समीर इतनी नजदीक आ गए थे ।

दोनों को एक दूसरे के लिए फीलिंग होने लगी और जब ड्रामा स्टेज पर हुआ तो ड्रामा के डायलॉग ऐसे लग रहे थे जैसे बिल्कुल नेचुरल दोनों के हाव भाव एकदम ओरिजिनल थे ।



एक शानदार परफॉर्मेंस ने सारी कॉलेज का दिल जीत लिया हर जगह बस जानवी और समीर की ही चर्चा थी सारे कॉलेज को उनके प्यार का अंदाजा था । बिना एक दूसरे को प्रपोज किया कब वो दोनो एक हो गए उन को पता ही नहीं चला ।



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